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हर्षित का कहना है, 'मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मेरा सपना साकार हो गया है। मैं हमेशा से गूगल के साथ काम करना चाहता था। मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे कितनी खुशी हो रही है। कौन अंदाजा लगा सकता है कि मेरे जैसा औसत छात्र भी गूगल में जॉब पा सकता है। मुझे मेरी मेहनत का फल मिला है।'
हरियाणा में कुरुक्षेत्र के मथाना से ताल्लुक रखने वाले हर्षित ने 11वीं कक्षा में इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की। उनके माता-पिता स्कूल टीचर हैं।
मीडिया के साथ बातचीत में हर्षित ने बताया कि 10 साल की उम्र से ही डिजाइनिंग के क्षेत्र में उनकी दिलचस्पी बढ़नी शुरू हो गई थी। इसी दौरान उन्होंने गूगल में जॉब पाने का लक्ष्य तय कर लिया था। अपने ख्वाब को हकीकत में बदलने के लिए हर्षित ने अपने अंकल रोहित से ट्रेनिंग लेनी शुरू की। सीखते-सीखते डिजाइनिंग उनका जुनून बन गया। वह कभी प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट भी नहीं गए।