बैंक्स ने कई शहरों में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिये ATM की संख्या में कमी करनी शुरु कर दी है. इस साल जून से अगस्त के बीच 358 ATM बंद कर दिये गये हैं.
दिलचस्प बात ये है कि पिछले 4 सालों में देश में ATM की संख्या में 16.4 प्रतिशत की तेजी आयी थी.
लेकिन इनके बंद होते ही देश में ATM की संख्या में 0.16 प्रतिशत की कमी आयी है. आपको बता दें कि पहला मौका है जब देश में ATM की ग्रोथ रेट में कमी आयी है.
नोटबंदी का पड़ा क्या असर-
बैंक्स ने नोटबंदी के बाद शहरों में इनके इस्तेमाल में आयी कमी और इनके ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ने की वजह से इनकी समीक्षा की. इस मामल में देश के दिग्गज बैंक्स ने ATM को घटाने का कदम उठाया है.
देश में सबसे बड़े ATM नेटवर्क वाले बैंक SBI के साथ पंजाब नेशनल बैंक और निजी क्षेत्र के बैंक HDFC ने भी अपने ATM की संख्या में कमी कर दी है